हिंदू क्यों करते हैं पेड़-पौधों की पूजा? जानिए क्या है वैज्ञानिक कारण
क्या आपने कभी सोचा है कि हिंदू पेड़ की पूजा क्यों करते हैं? पश्चिमी देशों में रहने वालों के लिए तो ये बहुत हैरानी की बात होती है। क्या वाकई पेड़ हमारी प्रार्थना को ईश्वर तक पहुंचा सकते हैं? हिंदू ही नहीं, सनातन परंपरा के सभी धर्मों जैसे- सिख, बौद्ध और जैनों में पेड़-पौधों का सम्मान करने को कहा गया है। क्योंकि उनमें जीवन होता है। ठीक वैसे ही जैसे हमारे अंदर। लेकिन कुछ वृक्षों को ज्यादा महत्व दिया गया है। ये सभी औषधीय गुणों वाले हैं। ये हैं- पीपल (Peepal), बरगद (Banyan), बेल (Bael), अशोक (Ashoka), कदम्ब (Kadamb), तुलसी (Tulsi) और पारिजात (Pareejat)। इस सूची में नीम (Neem), आंवला (Amla) जैसे कई और भी पेड़ हैं। आगे हम आपको बताएंगे कि इनके फायदों के बारे में बताएंगे। लेकिन पहले बात वृक्षों की पूजा के आध्यात्मिक कारण की:
सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र होते हैं पेड़
आपने देखा होगा कि प्राचीन काल में ऋषि-मुनि पेड़ों के नीचे बैठकर ही ध्यान लगाते थे। महात्मा बुद्ध जिस वृक्ष के नीचे बैठते थे उसे बोधिवृक्ष कहा गया। सिंधु घाटी सभ्यता में भी वृक्षों की पूजा के सबूत मिले हैं। वैज्ञानिक तौर पर पेड़ों के नीचे एक तरह की इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक ऊर्जा होती है। जिसका पॉजिटिव असर मानव शरीर पर पड़ता है। श्रीमद्भागवत गीता में कहा गया है कि जो वृक्षों को समझता है वो उसे चारों वेदों का ज्ञान है। इसके अनुसार:
ऊर्ध्वमूलमध:शाखमश्वत्थं प्राहुरव्ययम्
छन्दांसि यस्य पर्णानि यस्तं वेद स वेदवित्।
(अर्थात् यह संसार एक तरह का ऊपर जड़ और नीचे शाखाओं वाला वृक्ष है, जो इसे समझता है वो वेदों को जानता है।)
जब आप पूजा के लिए किसी वृक्ष के नीचे खड़े होते हैं। आपके अंदर भी उस सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह वो ब्रह्मांडीय ऊर्जा होती है जिसे हम ईश्वर कहते हैं। आप पूजा न भी करें सिर्फ ध्यान लगाकर या शांत होकर बैठ जाएं तो भी आपको असर पता चलेगा। अगर आप स्टूडेंट हैं तो आपको यह ज़रूर करना चाहिए क्योंकि इससे एकाग्रता बढ़ती है और आप अपने मस्तिष्क की अधिकतम क्षमता का प्रयोग कर पाते हैं।
इन पेड़ों के आसपास होता है चमत्कार
अब बात उन 8 पेड़ों की जिनकी पूजा हिंदू धर्म में सबसे अधिक की जाती है। इन आठों की विशेषता है कि ये जहां होते हैं उसके आसपास के बड़े इलाके में अपना सकारात्मक प्रभाव छोड़ते हैं।
1. पीपल की पत्तियों में एंटी-बैक्टीरिया गुण होते हैं। ये एंटी-ऑक्सीडेंट और घाव तेजी से भरने में सहायता करते हैं। पीपल की छाल इम्युनिटी यानी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। यही कारण है कि गांवों में लोग दोपहर के समय पीपल की छांव में बैठा करते थे। ऐसा करने से शरीर की गांठें, फोड़े-फुंसी दूर होते हैं। यहां तक कि महिलाओं की बीमारियां, बुखार, जोड़ों का दर्द, सांस, त्वचा और कान की बीमारियों में पीपल के अलग-अलग हिस्सों की उपयोगिता है। जहां तक इसकी पूजा करने की बात है उसके पीछे यही सोच है कि अगर हम पीपल की रक्षा और उसका सम्मान करेंगे तो पीपल हमारा कल्याण करेगा।
2. बरगद का पेड़ हजारों साल से भारतीय लोगों के लिए सार्वजनिक बैठकों के लिए सबसे पसंदीदा स्थान रहा है। इसमें डायबिटीज दूर करने वाले गुण होते हैं। गांवों में आज भी मधुमेह के रोगियों से बरगद के नीचे बैठने को कहा जाता है। बरगद के नीचे बहुत गहरी नींद आती है। इसके फल और तने से लटकने वाली जड़ें याददाश्त बढ़ाती हैं। इनसे हाइपरटेंशन और डिप्रेशन खत्म होता है। अनुभव के आधार पर भारतीय हजारों साल से ये बातें मानते रहे हैं, लेकिन अब दुनिया भर में बरगद के गुणों पर हो रहे रिसर्च में भी ये बातें सच साबित हुई हैं।
3. बेल का पेड़ अपने आप में किसी चमत्कार से कम नहीं। इसके फल के फायदे किसी से छिपे नहीं है। पेट से जुड़ी लगभग हर बीमारी का इलाज बेल के पास है। बेल में कैंसर-रोधी गुण पाए जाते हैं। इसके कारण कैंसर सेल्स तेजी से बढ़ नहीं पातीं। लेकिन बेल की जो सबसे बड़ी खूबी है वो ऐसी है जिसे आप जानकर हैरान रह जाएंगे। बेल के पत्ते रोडियोएक्टिविटी से बचाव करते हैं। यही कारण है कि शिवलिंग पर इन्हें चढ़ाया जाता है।
4. अशोक का कोई पेड़ अगर आपके आसपास है तो अपने आप कई तरह की बैक्टीरिया और वायरस से होने वाली बीमारियों से बचाव हो जाता है। यही कारण है कि लोग इसे घर के दरवाज़े और बाउंड्री के चारों तरफ़ लगाते हैं।
5. कदंब अपने आप में सेहत का ख़ज़ाना है। प्राचीन भारत में इसका प्रयोग उन रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता रहा है जिनके लिए आज लोग अस्पतालों में लाखों रुपये खर्च करते हैं। लिवर की बीमारियों इसका चमत्कारी असर साबित हो चुका है। मलेरिया की दवा के आविष्कार से पहले भारत में इसके लिए कदंब के फलों का प्रयोग किया जाता था। कदंब के वृक्ष के नीचे बैठने से संक्रामक वायरल बुख़ार से बचाव होता है।
6. तुलसी तो ऐसा पौधा है जो हर हिंदू के घर में मिलता है। तुलसी कई तरह के वास्तु दोषों और नेगेटिव एनर्जी को ख़त्म करती है। इसके सेवन से ब्लड ग्लूकोज़ को सामान्य करने और ब्लड प्रेशर क़ाबू करने में सहायता मिलती है। यह पाया गया है कि अगर आप रोज़ तुलसी का सेवन करते हैं तो आपको डिप्रेशन नहीं हो सकता। साथ ही ये वायरस और बैक्टीरिया की बीमारियों से भी बचाव करती है।
7. नीम तो इन दिनों सबसे उपयोगी है। पुराने जमाने में जब कोरोनावायरस जैसी कोई महामारी फैलती थी तो लोग बचने के लिए नीम के पेड़ पर मचान लगाकर रहने लगते थे। इस बार भी कई जगह गांवों में लोगों ने यह काम किया और बीमारी से खुद को बचाया।
8. पारिजात या हरसिंगार बुख़ार, एलर्जी और त्वचा के रोगों में बहुत उपयोगी होता है। इसके फूलों की ख़ुशबू तनाव और कई तरह के मनोरोगों से छुटकारा दिलाती है।
Hi, this is a comment.
To get started with moderating, editing, and deleting comments, please visit the Comments screen in the dashboard.